आमंत्रण
विद्या की नगरी वाराणसी में लोकविद्या की गूँज
18-19 सितम्बर 2014
18 सितम्बर 2014 : बुनकर-कारीगर लोकविद्या - पदयात्रा, पीली कोठी से दोपहर 4 बजे
लोकविद्या ज्ञान-पंचायत, भैंसासुर घाट शाम 7 बजे
1 9 सितम्बर 2014 : विद्या आश्रम, सारनाथ में लोकविद्या महासंवाद सुबह 11 बजे
यह कारीगर और किसान समाजों का ज्ञान आंदोलन है
जब तक हम यह दावा नहीं करते कि हम ज्ञानी हैं और हमारा ज्ञान किसी और ज्ञान से काम नहीं तब तक हमारे परिवारों की खुशहाली के रास्ते नहीं खुलते।
यही बात कहने के लिए यह पदयात्रा और दो दिन का कार्यक्रम है। ज्यादा से ज्यादा तादाद में शामिल होकर पदयात्रा को सफल बनाएं। अपनी बात एक तरफ सरकारों तक और दूसरी ओर हर आदमी तक पहुँचाने का काम करें।
हर ज़माने में समाज को, देश और दुनिया को बनाने का काम कारीगर और किसान ही करता है। कपड़ा, भोजन, जूता , माकन , बिजली , पानी , मोटर , मोबाइल , सब कुछ हमारे ही हुनर , ज्ञान और मेहनत के बल पर होता है। ऐवज में हमें क्या मिलता है ? क्या हम उतने के भी हक़दार नहीं जितना सरकार अपने चपरासी को देती है?
वाराणसी और आस-पास के कारीगर और किसान संगठनों ने अन्य प्रदेशों, विशेषकर मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के किसान और कारीगर संगठनों के साथ मिलकर यह दो दिन का आयोजन तय किया है। ये संगठन इस बात के हिमायती हैं कि लोकविद्या के आधार पर काम करने वालों की आमदनी भी वही होनी चाहिए जो एक सरकारी कर्मचारी की होती है।
सब मिलकर सरकारों से यह कहें कि -
- वेतन आयोग द्वारा तय वेतन के बराबर आय पाने के हक़दार सभी हैं।
- असंगठित और संगठित क्षेत्र के बीच भेदभाव बंद हो।
- देश की और सूबे की सरकारों की यह ज़िम्मेदारी बनती है कि अपने ज्ञान और हुनर के बल पर जीविका चलाने वाले सभी किसानों और कारीगरों की आमदनी उतनी ही हो जीतनी तनख्वाहें वे अपने कर्मचारियों को देती हैं।
- किसी भी किसान या कारीगर की आज की कमाई और सरकारी कर्मचारी के वेतन के बीच का अंतर सरकारों को पूरा करना होगा।
- हमें समय से बिजली चाहिए, सही दाम पर कच्चा माल चाहिए , बाजार में हमारे माल का सही दाम चाहिए और हमारी सेवाओं को सही मज़दूरी चाहिए।
कार्यक्रम
18 सितम्बर 2014
- 4 बजे दोपहर - बुनकर - कारीगर लोकविद्या - पदयात्रा, नेशनल इंटर कालेज पीलीकोठी से टाउन हाल महात्मा गांधी प्रतिमा तक
- शाम 7 बजे - भैंसासुर घाट पर कारीगर -किसान लोकविद्या ज्ञान पंचायत
19 सितम्बर 2014
- 11 बजे से - विद्या आश्रम सारनाथ पर सभी कारीगरों और किसानों की सरकारी कर्मचारी के बराबर आय हो इस विषय पर चर्चा। विषय के जानकर बात करेंगे और इस मांग पर आंदोलन की रूपरेखा बनायीं जाएगी।
सभी हुनरमंद समाजों और किसान संगठनों को आमंत्रित किया जाता है कि इन कार्यक्रमों में शामिल होकर अपने समाजों की ज़रूरतों को सबके सामने रखें और हम सबकी सरकारी वेतन के बराबर की आय की आवाज़ बुलंद करने में भागीदार हों।
निवेदक
- लोकविद्या जन आंदोलन, वाराणसी, उत्तर प्रदेश (दिलीप कुमार 'दिली' 9452824380 )
- बुनकर वेलफेयर संघर्ष समिति , वाराणसी (एहसान अली 8303244310 )
- नारी हस्तकला उद्योग समिति , वाराणसी (प्रेमलता सिंह 9369124998 )
- राष्ट्रीय चेनथा कार्मिक समाख्या , चिराला , आंध्र प्रदेश (मोहन राव 9441041266)
- लोकविद्या समन्वय समूह, इंदौर , मध्य प्रदेश (संजीव दाजी 9926426858 )
- लोकविद्या जन आंदोलन , नागपुर , महाराष्ट्र (विलास भोंगाडे )
- भारतीय किसान यूनियन जिला वाराणसी ( लक्ष्मण प्रसाद )
- कारीगर नज़रिया, वाराणसी ( आलम अंसारी )
- माँ गंगा निषादराज सेवा समिति, वाराणसी ( विनोद निषाद गुरु )
- गुमटी व्यवसायी कल्याण समिति , वाराणसी ( चिंतामणि सेठ)
- उत्तर प्रदेश धोबी कल्याण समिति, वाराणसी ( छक्कन कन्नौजिया )
- जिला धोबी घाट बचाओ संघर्ष समिति, वाराणसी ( राजकुमार कन्नौजिया )
- किसान संघर्ष समिति , मोहन सराय वाराणसी ( प्रेमचंद गुप्ता )
- किसान संघर्ष समिति डोमरी ,वाराणसी (बिंद्रा प्रसाद पटेल)
- कूड़ा डम्पिंग विरोधी संघर्ष समिति , करसड़ा , वाराणसी ( भृगुनाथ पटेल )
- वाराणसी ऑटो रिपेयरिंग असोसिएट (शाम सुन्दर )
- राजभर एकता समिति, वाराणसी ( मुन्नू राजभर )
- वाराणसी काष्ठ खिलौना खराद दस्तकारी समिति , कश्मीरी गंज (शाम बाबू )
- अ. भा. विश्वकर्मा महासभा, वाराणसी (रामराज विश्वकर्मा )
- गाँव-गिराँव अख़बार, रामनगर, वाराणसी ( गोपाल मौर्य )
विद्या आश्रम
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