Tuesday, August 30, 2016

दक्षिण भारत के बुनकर संगठन का महापंचायत को समर्थन

          अभी हाल ही में 17  से 20 अगस्त आंध्र प्रदेश के बुनकर संगठन के नेता मोहन राव वाराणसी में थे।  वे राष्ट्र चेनता जन समाख्या नाम के बुनकरों के संगठन के संस्थापक अध्यक्ष हैं। राष्ट्र चेनता जन समाख्या 1988 में स्थापित हुई और आज यह आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक में कार्य कर रही है। मोहन राव लोकविद्या जन आंदोलन से भी जुड़े हुए हैं। यहाँ एहसान अली के साथ उन्होंने वाराणसी के बुनकरों की बस्तियों में जाकर उनके हालात जाने। लालपुर, पुराना  पुल और लोहता के क्षेत्र में दौरा किया।  विद्या आश्रम पर हुई बैठक में उन्होंने 16 अक्टूबर 2016  को प्रस्तावित किसान-कारीगर महापंचायत के प्रमुख मुद्दे "हर किसान और कारीगर परिवार को सरकारी कर्मचारी के बराबर, पक्की और नियमित आमदनी हो" को पूरा समर्थन देते हुए महापंचायत में बड़ी संख्या में शामिल होने की बात की।
          वाराणसी आने से पहले  राष्ट्र चेनता जन समाख्या ने तेलंगाना के पोचमपल्ली, घट्टूप्पल, बहन्ना , तमिलनाडु के अरणी व बलरामपुरम और कर्नाटक के इल्कल में बुनकरों से वार्ता की है। इन सभी स्थानों के हथकरघा बुनकरों की स्थिति की रपट बनाकर वे दिल्ली गए और केंद्रीय सरकार को रपट सौंपी।  दिल्ली में एक प्रेस वार्ता के मार्फ़त बुनकरों की हालात को सबके बीच रखा।  
            पिछले दो वर्षों से वाराणसी में गंगाजी के तट पर किसान-कारीगर पंचायत आयोजित हो रही है।  वर्ष 2014 में 18 सितंबर  को और वर्ष 2015 में 15 -16 नवम्बर को आयोजित इन पंचायतों में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश के किसानों  व कारीगरों के संगठन शामिल हुए है।  (देखे रिपोर्ट इसी ब्लॉग पर 20 सितंबर 2014 और 18 नवम्बर 2015 )  इन पंचायतों ने 16 अक्टूबर 2016 को इसी स्थान पर प्रस्तावित किसान-कारीगर महापंचायत की बुनियाद बनाई है।

विद्या आश्रम
           

Monday, August 29, 2016

किसान-कारीगर महापंचायत की तैयारियाँ


वाराणसी में 16  अक्टूबर को प्रस्तावित किसान-कारीगर महापंचायत की तैयारी के कार्य आगे बढ़ रहे हैं। इस महापंचायत में यह बात होगी कि हर किसान और कारीगर परिवार के घर में सरकारी कर्मचारी जैसी पक्की, नियमित और उसके बराबर आय आये इसकी ज़िम्मेदारी सरकारों को उठानी होगी। तैयारी के सिलसिले में जहाँ एक तरफ किसान और कारीगर संगठनों से व्यापक संपर्क किया जा रहा है वहीँ  जगह-जगह ज्ञान-पंचायतें आयोजित की जा रही हैं। शोषित समाज दल, अर्जक संघ और लोकविद्या जन आंदोलन मिलकर 18 सितंबर को सलारपुर गॉव में एक वाराणसी ज्ञान पंचायत का आयोजन कर रहे हैं। 
इस महापंचायत की तैयारी में लगे दिलीप कुमार दिली और लक्ष्मण प्रसाद जैसे वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के 5 -7 मिनट के विडियो के लिंक नीचे दिए जा रहे हैं।  कृपया देखें।

https://www.youtube.com/watch?v=g93Fz5H3jvo
 https://www.youtube.com/watch?v=UEjnN-c_Sxc

विद्या आश्रम

Friday, August 26, 2016

आमंत्रण / घोषणा : लोकविद्या जन आंदोलन की राष्ट्रीय बैठक, विद्या आश्रम, सारनाथ, वाराणसी, 17 अक्टूबर 2016

The English version is immediately below this Hindi
आमंत्रण 
लोकविद्या जन  आंदोलन की राष्ट्रीय बैठक 
17 अक्टूबर 2016 
विद्या आश्रम, सारनाथ, वाराणसी 
       लोकविद्या जन आंदोलन की एक राष्ट्रीय बैठक आगामी अक्टूबर माह में वाराणसी में प्रस्तावित है।  17 अक्टूबर 2016 को विद्या आश्रम के सारनाथ परिसर में यह बैठक सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगी। आप इसमें सादर आमन्त्रित हैं। कृपया अवश्य आयें और इस ज्ञान-आंदोलन को विस्तार देने में सहयोग करें।  हम आपसे विचार, कर्म और संसाधनों के सहयोग की अपेक्षा रखते हैं।   
       लोकविद्या जन आंदोलन की शुरुआत वर्ष 2011 के नवम्बर में वाराणसी में एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन के जरिये हुई थी।  तब से उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और बिहार में कार्यों की शुरुआत हुई है।  प्रमुख रूप से किसानों, कारीगरों और आदिवासियों के संघर्षों के साथ मिलकर और उनके संगठनों के साथ वार्ताओं के जरिये तथा ज्ञान-पंचायतों के संगठन एवं आयोजनों के मार्फ़त ये काम किये गये  हैं। दरभंगा, विजयवाड़ा, सिंगरौली, इंदौर, नागपुर, सेवाग्राम, मुम्बई, हैदराबाद और मुलताई के प्रांतीय सम्मेलन और बड़ी-बड़ी बैठकें विशेषरूप से उल्लेखनीय हैं। वाराणसी और इंदौर से प्रकाशित अनेक पत्रिकायें , पुस्तिकायें व हैदराबाद से तेलुगु में प्रकाशित पत्रिका 'लोकविद्या प्रपंचम' में विस्तृत वैचारिक मंथन तथा सम्पादित कार्यक्रमों की जानकारी मिलती है। www.lokavidyajanandolan.blogspot.com नाम के ब्लॉग और विद्या आश्रम की वेबसाइट www.vidyaashram.org से अधिकांश प्रकाशन व विविध जानकारी प्राप्त की जा सकती है। बैठक में भी संक्षेप में अभी तक के कार्यों  का ब्यौरा रखा जायेगा। 
     लोकहितकारी बदलाव के लिए दर्शन और राजनीति के व्यापक क्षेत्रों में एक लोकव्यापी ज्ञान-आंदोलन के दखल और प्रभाव की आवश्यकता है। लोकविद्या जन आंदोलन एक ऐसा ही ज्ञान-आंदोलन बनने का प्रयास करता रहा है।  
       17 अक्टूबर 2016 की यह राष्ट्रीय बैठक उन संगठनात्मक निर्णयों को आकार देना चाहती है जिससे इस ज्ञान-आंदोलन को और प्रभावी बनाने के ठोस कदम लिए जा सकें। 
कार्यक्रम 
बैठक में सुबह वैचारिक चर्चायें होंगी और दोपहर को संगठन विषय होगा। 
वैचारिक चर्चाओं के लिए निम्नलिखित तीन बिंदु चुने गए हैं--
  1. ज्ञान का दर्शन - ज्ञान की दुनिया की ऊँच -नीच को चुनौती और लोकविद्या तथा विश्वविद्यालय की विद्या को बराबर का स्थान। 
  2. लोकविद्या के जरिये काम करने वालों के लिए सरकारी कर्मचारी जैसी आय का प्रावधान। 
  3. लोकविद्या स्वराज की अवधारणा। 
दोपहर में संगठन के विषय पर निम्नलिखित बिन्दु हैं --
  1. लोकविद्या जन आंदोलन को कैसे सांगठनिक ताने-बाने की ज़रूरत है ? क्या लोकविद्या प्रवक्ताओं का एक व्यापक ताना-बाना बनाया जाये?
  2. विभिन्न स्थानों पर इस ज्ञान-आंदोलन के कार्यालय बनाये  जायें । वाराणसी, सिंगरौली, नागपुर, इंदौर, हैदराबाद, चिराला और बंगलुरु में इन कार्यालयों तथा ज़िम्मेदार व्यक्तियों की पहचान की जाये।  
  3. एक समिति का गठन जो इस ज्ञान-आंदोलन के संचालन और विस्तार का जिम्मा उठायेगी। समिति  के प्रमुख कार्य - 
  • लोकविद्या के जरिये काम करने वालों को सरकारी कर्मचारी जैसी आय के लिए लोकप्रिय माहौल बनाना । 
  • देश भर में घूम कर लोकविद्या समाज में व्यापक एकता के लिए वार्तायें  करना।  
  • एक से डेढ़ साल में एक लोकविद्या-समाज महापंचायत की तैयारी करना। 
अपने आने-जाने की खबर दें जिससे सुचारू व्यवस्थायें की जा सकें।  

सुनील सहस्रबुद्धे     बी. कृष्णराजुलु    ज. क. सुरेश      संजीव दाजी       गिरीश सहस्रबुद्धे 
वाराणसी                  हैदराबाद              बंगलुरु               इंदौर                  नागपुर   
       ---                   9866139091     9845068404    9926426858       9422559348

संपर्क 
विद्या आश्रम, सा 10 /82 ए , अशोक मार्ग, सारनाथ, वाराणसी - 221007 
चित्रा सहस्रबुद्धे <vidyaashram@gmail.com>
                           दिलीप कुमार दिली                                          लक्ष्मण प्रसाद 
                                9452824380                                              9026219913 


Invitation 

Lokavidya Jan andolan (LJA) National Meet

17 October 2016
Vidya Ashram, Sarnath, Varanasi

            A national Meeting of LJA is proposed to be held in Varanasi in October 2016. On 17th October this meeting will take place through the day between 10am and 6pm in the Sarnath campus of Vidya Ashram. You are cordially invited for this meeting. Please do come and contribute to expanding this knowledge movement. We expect your contribution in terms of thought, activity and resources.

             Lokavidya Jan Andolan, so called, has had its beginning through an international conference in Varanasi in November 2011. Since then LJA activity started taking shape in Uttar Pradesh, Madhya Pradesh, Maharashtra, Andhra Pradesh, Telangana and Bihar. These activities were mainly shaped through cooperation with the struggles of farmers, artisans and adivasis, by dialogues with their organizations and through the organization of Gyan-panchayats. Especially worth mention are the regional conferences and large meetings in Darbhanga, Singrauli, Indore, Nagpur, Sewagram, Mumbai, Vijaywada, Hyderabad and Multai. The programs and the thought process during this period find expression in the various publications in Hindi and English from Varanasi and Indore and in Telugu from Hyderabad. The blog named www.lokavidyajanandolan.blogspot.com and the Vidya Ashram website www.vidyaashram.org contain most of the information. In the meeting too a brief report of the thought and activity so far will be placed before the participants.

         For a people oriented change a lokavidya based people's knowledge movement needs to intervene in the expansive arenas of philosophy and politics. LJA has been trying to rise enough, to be able to do this. 

        The National Meet on 17th October plans to take those organizational decisions which may enable this knowledge movement to become more effective.

Please inform us of your arrival and departure, so that proper arrangements can be made.

Program

The morning will be devoted to philosophical and political discussions and in the afternoon organization shall be the subject. 

The following three points have been selected for the morning --

  1. Philosophy of knowledge - Challenging the hierarchies in the world of knowledge and claiming (arguing for) lokavidya to be equal to the university knowledge.
  2. Provision for lokavidya based earnings to be commensurate with those of a government employee.
  3. The idea of lokavidya Swaraj 
In the afternoon we would like to discuss the following and take appropriate decisions--
  1. What kind of organizational network suits the Lokavidya Jan Andolan ? Should there be an extensive network of Lokavidya Spokes-persons ?
  2. LJA Centers to be developed at many places. Varanasi, Singrauli, Nagpur, Indore, Hyderabad, Vijaywada and Bangaluru are already identifiable as some of these places.
  3. Forming a committee which will take charge of steering and expanding LJA. Main tasks of this committee may be the following --
  • The idea that 'those who work with lokavidya rightfully deserve to have same income as those of government employees' to be raised to a level of popular opinion.
  • Travel across the country conducting dialogue for a broad unity among lokavidya-samaj.
  • Preparation towards organizing a lokavidya-samaj mahapanchayat in a year to a year-and-a-half.                
Sunil Sahasrabudhey, Varanasi      B. Krishnarajulu, Hyderabad(9866139091)
J.K. Suresh, Bangaluru(9845068404)      Sanjeev Daji, Indore (9926426858)
Girish Sahasrabudhe, Nagpur (9422559348)

Contact   
Vidya Ashram, SN10/82A, Ashok Marg,  Sarnath, Varanasi     
Chitra Sahasrabudhey  <vidyaashram@gmail.com>
Dilip Kumar dili                                   Laxman Prasad  
(9452824380)                                       (9026219913)  
                                              
विद्या आश्रम