Friday, August 17, 2012

लोकविद्या जन आन्दोलन मध्य प्रदेश सम्मलेन, तैयारी बैठक सिंगरौली, 9 अगस्त 2012

9 अगस्त 2012 को सिंगरौली की दुद्धीचुआ खदान के रिहायशी इलाके में सामुदायिक हॉल में हिंद मजदूर सभा के सौजन्य से लोकविद्या जन आन्दोलन के मध्य प्रदेश सम्मलेन (29-30 सितम्बर, 2012) की तैयारी बैठक संपन्न हुई। लगभग 40 सामाजिक कार्यकर्ताओं की इस बैठक में अधिकांश प्रतिभागियों ने अपने विचार व्यक्त किये। सिंगरौली के अलावा शहडोल, बलरामपुर (सरगुजा), सोनभद्र और वाराणसी से भी कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। लोकविद्या जन आन्दोलन, हिंद मज़दूर सभा, विद्या आश्रम, विस्थापन के विरोध में कार्य कर रहे स्थानीय कार्यकर्ताओं और पत्रकारों तथा आदिवासियों और किसानों के बीच काम करने वालों की उपस्थिति विशेष रूप से उल्लेखनीय है।

छत्तीसगढ़ के सटे हुए जिले बलरामपुर से अगरिया समाज के प्रतिनिधि आये थे, जिन्होंने लोकविद्या जन आन्दोलन के मध्य प्रदेश सम्मलेन के एक दिन पहले 28 सितम्बर 2012 को उसी स्थान पर एक अगरिया पंचायत करने का प्रस्ताव इस बैठक में रखा। यह वहीँ अगरिया समाज है जिसने इस देश की लौह आगलन की विरासत को जिंदा रखा है। इनके साथ लोकविद्या कार्यकर्ताओं का संपर्क 20 साल पुराना है।


बैठक में बोलते हुए अवधेश भाई 

 बैठक में 29-30 सितम्बर के सत्रों के सार व स्वरुप पर चर्चा की गयी। लोकविद्या के आधार पर पक्की नौकरी, बिजली वितरण की नीति और विस्थापन में पूरे प्रभावित क्षेत्र के पुनर्निर्माण की बातें प्रमुख रूप से सामने आयीं। कई कार्यकर्ताओं ने पूरा वर्णन करते हुए बताया कि किस तरह प्रशासन और निजी कंपनियों ने खुले आम दमन चक्र चलाया हुआ है। यदि लोकविद्या विचार के जरिये यहाँ के समाजों में एक नए आत्मविश्वास का संचार हो सकेगा तो उसकी आज नितांत आवश्यकता है। यानि यह कि लोकविद्या विचार एक नया दर्शन होने के साथ-साथ ठोस परिस्थितियों में मुकाबले की आत्मशक्ति का स्रोत है और सभी प्रभावित वर्गों, किसानों, आदिवासियों, कारीगरों, मजदूरों और छोटे दुकानदारों को उनके परिवारों सहित एकजुट होने का आधार देता है।


बैठक का सञ्चालन करते रविशेखर.
शहडोल से आये त्रिलोकीनाथ गर्ग तथा वाराणसी के सुनील, चित्रा जी और प्रेमलता जी मंच पर  

बैठक के दूसरे सत्र में सम्मलेन के आयोजन और उसकी तैयारी की बातें हुईं तथा जिम्मेदारियां तय की गयीं।  बैढ़न स्थित लोकविद्या आश्रम को सम्मलेन का स्थल तय किया गया. रहने व भोजन आदि की व्यवस्थाएं उसी के आस-पास की जानी हैं। प्रमुख जिम्मेदारियां निम्नलिखित लोगों ने ली हैं।
सिंगरौली से अवधेश भाई, रविशेखर, एकता, मंजू देवी, गीता सिंह, लक्ष्मी चंद, अजय; सोनभद्र से अशोक पाण्डेय,  राम सुभग शुक्ल, रवि चन्द्र दुबे, के. सी. शर्मा, रवि मनोनीत; वाराणसी से दिलीप, बबलू;  शहडोल से त्रिलोकीनाथ गर्ग, अनूपपुर से गणेश शर्मा, अरुण प्रताप सिंह, संजय बिस्वास, कमोल सिंह ; इंदौर से संजीव दाजी, मगन सिंह और बलरामपुर से राम प्रसाद अगरिया और श्री राम अगरिया. तैयारयाँ आगे बढ़ने के साथ और लोग शामिल होंगे।

भागीदारी के बारे में यह अनुमान बना कि 28-30 के बीच हर दिन लगभग 250-300 व्यक्ति सम्मलेन में भाग लेंगे।  वित्त संग्रह के प्रयास तुरंत शुरू करने का तय किया गया। इसके लिए रसीदें छपवा ली गयी हैं। आपसे भी सहयोग अपेक्षित है। आप इच्छा ज़ाहिर करेंगे तो हम आपको बताएँगे कि आप कैसे सहयोग कर सकते हैं।

बैठक में इस सम्मलेन की एक स्मारिका प्रकाशित करने का निर्णय भी लिया गया।

सम्पर्क 

लोकविद्या आश्रम, ढ़ोटी, बैढ़न, सिंगरौली (मध्य प्रदेश)
अवधेश भाई                                रविशेखर       
09425013524                           08225935420

ई -मेल : lokavidya.singrauli@gmail.com



विद्या आश्रम

Wednesday, August 15, 2012

सिंगरौली में लोकविद्या आश्रम

पूर्वी मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में एक लोकविद्या आश्रम बन गया है। सिंगरौली जिले का मुख्यालय बैढ़न में है, जो रिहंद जलाशय के बगल में स्थित है. यहीं विन्ध्याचल सुपर बिजली घर है और उसके विस्थापितों को बसा कर बनाया गया नवजीवन विहार भी। नव जीवन विहार से सटे हुए गाँव ढ़ोटी में सृजन लोकहित समिति का स्थान है, जहाँ से अवधेश द्विवेदी व उनकी टीम पिछले 30 साल से विस्थापन और पर्यावरण को लेकर काम करते रहे हैं।  विस्थापितों के अधिकारों को लेकर संगठन व आन्दोलन का काम करते रहे हैं। अब यहीं पर लोकविद्या आश्रम बनाया गया है। अवधेश के साथ रविशेखर, दिलीप, एकता और बबलू ने यह आश्रम बनाया है और उसे 29-30 सितम्बर के मध्य प्रदेश लोकविद्या जन आन्दोलन सम्मलेन का स्थल बनाने की तैयारी कर रहे हैं।
10 अगस्त को इस आश्रम में एक बैठक हुई, जिसमें विद्या आश्रम, वाराणसी की भागीदारी भी रही। इसका एक फोटो नीचे दिया है। अवधेश उसी दिन सुबह एक आवश्यक कार्य से दिल्ली रवाना हो गए इसलिए फोटो में नहीं हैं। इस बैठक में आश्रम के मूल्यों, नियमों, व्यवस्थाओं और कार्यों की चर्चा हुई। यहीं पर लोकविद्या जन आन्दोलन का एक कार्यालय बनाया गया है, जिसे रवि शेखर और एकता चलाते हैं। आश्रम की अपनी रसोई है, जहाँ सब खाना खाते हैं . आश्रम चार कमरों और एक हॉल का एक मंजिली भवन है.


लोकविद्या आश्रम, सिंगरौली में 10 अगस्त 2012 की बैठक में बायीं तरफ से मंजू देवी, प्रेमलता सिंह, एकता, रविशेखर, सुनील, दिलीप, बबलू और चित्रा.


लोकविद्या आश्रम, सिंगरौली के सामने लगे आश्रम के बोर्ड के साथ आश्रम के सदस्य 


संपर्क 
रविशेखर 
मोबाइल : 08225935420
ई-मेल : lokavidyaashram@gmail.com

विद्या आश्रम 

Tuesday, August 14, 2012

अनूपपुर में लोकविद्या जन आन्दोलन

लोकविद्या जन आन्दोलन ने अब लगभग चार महीनों से पूर्वी मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में संपर्क का विस्तार शुरू किया है। मोज़र बेयर  कंपनी और मध्य प्रदेश सरकार  द्वारा किसानों की ज़मीन ज़बरदस्ती अधिग्रहित करने के विरोध के किसान आन्दोलन में शामिल होने 30-31 मई को हमारा एक समूह वहां गया था। उसके पहले वाराणसी से दिलीप कुमार 'दिली' वहां तैयारी  में जा चुके थे और उन्होंने जैतहरी (मोज़र बेयर बिजली कारखाने का गाँव) और नजदीक के कई गाँवों में संपर्क किया था। 31 मई को अनूपपुर शहर में एक बैठक में यह तय हुआ कि 8 जुलाई 2012 को अनूपपुर में 29-30 सितम्बर के मध्य प्रदेश के सिंगरौली सम्मलेन की तैयारी में एक बैठक की जाये।
8 जुलाई की इस बैठक में अनूपपुर के कम्युनिटी हाल में दोपहर 1.00 से 5.00 बजे के बीच 20 कार्यकर्ताओं की खुली चर्चा हुई। वाराणसी से दिलीप कुमार 'दिली' और सिंगरौली से अवधेश भाई इस बैठक में शामिल हुए। विषय की प्रस्थापना करते हुए दिलीप भाई ने तीन बिन्दु रखे--

  1. लोकविद्या के आधार पर सबको पक्की नौकरी हो और सरकारी कर्मचारी के बराबर वेतन हो।
  2. किसी भी प्रोजेक्ट पर होने वाले खर्च के बराबर पैसा प्रभावित क्षेत्र की संरक्षा के लिए आवंटित हो, जिसके नियोजन और क्रियान्वयन की जिम्मेदारी स्थानीय संगठनों, समितियों, समूहों और पंचायतों को दी जाये.
  3. राष्ट्रीय संसाधनों का बराबर का बंटवारा हो. बिजली वितरण की नीति पहले बने  और उसके बाद बिजली उत्पादन की नीति बने। 
उपस्थित कार्यकर्ताओं ने दिलीप जी की बात से सहमति व्यक्त करते हुए अपनी-अपनी बात कही। लगभग सभी ने लोकविद्या आधारित समाज और उच्च शिक्षित समाज के बीच विषमता को रेखांकित किया और इस बात पर भी जोर दिया कि लोकविद्या आधारित ज्ञान की प्रतिष्ठा में ही इस समाज का उद्धार है और तभी एक बराबरी का समाज भी बन सकता है। स्थानीय समाजों और उनके संगठनों के महत्व को उजागर किया गया। अवधेश भाई ने अपने वक्तव्य में लोकविद्या जन आन्दोलन को आगे बढ़ाने के लिए सबका आवाहन किया. नतीजे स्वरुप उपस्थित लोगों ने स्वयं आगे बढ़ कर अपने-अपने नाम शामिल कराकर एक अनूपपुर लोकविद्या जन आन्दोलन समिति का गठन किया। इस समिति में श्री गणेश शर्मा, गोविन्द श्रीवास्तव, अनंत जौहरी, अरुण सिंह, संजय विश्वास, सहस राम  यादव, शशि बहन, कमलेश चन्द्र, मोहन उपाध्याय, शेष नारायण सिंह, शंकर लाल पटेल, राम शरण पटेल, अशोक कुमार पटेल, अनिरुद्ध सिंह, अमोल सिंह शामिल हैं। 

इस प्रक्रिया के अलावा अनूपपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में दिलीप भाई ने कई गांवों में संपर्क और वार्ताएं की हैं। कुछ गांवों में लोकविद्या आश्रम बनाने की बात शुरू हो गयी है। क्योंटार गाँव के कबीरपंथी कोलई  दास  सोन  नदी के तट पर अपनी ज़मीन पर एक लोकविद्या आश्रम बनाना चाहते हैं। उसी गाँव के नर्वदा प्रसाद भी कबीर पंथी हैं, एक माहिर राज मिस्त्री हैं और लोकविद्या में रूचि के साथ काम  करने को उत्सुक हैं।  कोलई दास के साथ लोकविद्या आश्रम निर्माण में ये भी साथ रहेंगे. अमरकंटक के रास्ते पर राजेंद्र ग्राम के पास महोरा गाँव के आजू राम पनिका के यहाँ दिलीप भाई एक दिन रहे. उनसे और उनकी श्रीमती जी से उनकी विस्तृत वार्ता हुई। ये दोनों अपने गाँव में लोकविद्या आश्रम बनाने को उत्सुक हैं। 
  
सितम्बर के मध्य में दिलीप भाई फिर से इस क्षेत्र का दौरा करेंगे तथा लोकविद्या जन आन्दोलन व लोकविद्या आश्रमों के निर्माण की प्रक्रिया आगे बढ़ाएंगे। 

विद्या आश्रम 

Monday, August 13, 2012

मुंडाना में ज्ञान पंचायत 26 जुलाई 2012

इंदौर और उसके पश्चिम के क्षेत्र में लोकविद्या जन आन्दोलन के विस्तार का कार्य किया जा रहा है। इस सिलसिले में 26 और 27 जुलाई 2012 को इंदौर के ग्रामीण इलाकों और धार व झाबुआ जिलों का दौरा किया गया. दौरे में वाराणसी से दिलीप और सिंगरौली से अवधेश व रवि शेखर शामिल हुए. इंदौर से संजीव, तपन, कैलाश, मगन, राजू और सुमेर थे। कई स्थानों पर बैठकें की गयीं। 26 जुलाई को धार जिले के मुंडाना गाँव में हुई ज्ञान पंचायत विशेष रूप से उल्लेखनीय है। अचाना, मांगरोल, सुलावद, मंदलावाडा, चन्दन खेडी, सागोर, खेडा, बरदरी, अकोलिया, माधोपुर, गोद गाँव, राधा नगर, और आस-पास के गांवों में तैयारी में चर्चाएं की गयीं थीं. लगभग 10 गांवों के लोग ज्ञान पंचायत में शामिल हुए। काली बिल्लोद, जहाँ 25 मार्च को एक बड़ी ज्ञान पंचायत हुई थी, से ग्राम प्रधान सहित चार व्यक्ति आये थे। राधा नगर के किसान श्री सीताराम जी की अध्यक्षता में इस ज्ञान पंचायत में निम्न लिखित निर्णय लिए गए।

  1. लोकविद्या समन्वय समिति का विस्तार किया जायेगा.
  2. अंचल के 3 गांवों  में विस्थापन से सम्बंधित जानकारियां, दस्तावेजों की प्रतिलिपि और सरकारी नियमों की जानकारी उपलब्ध करायी जाएगी। लोकाविद्याधर इसे कभी भी देख सकते हैं। 
  3. काली  बिल्लोद ज्ञान पंचायत में लिए गए निर्णयों पर अमल किया जायेगा।
  4. लोकविद्याधरों की एकता में ही परिवर्तन के सूत्र हैं। अतः दिनांक 19 अगस्त 2012 को ग्राम चैनपुरा में ज्ञान पंचायत बुलाई जाएगी। 
  5. 9 सितम्बर 2012, रविवार के दिन ग्राम घाटा बिल्लोद में एक महा पंचायत बुलाई जाएगी. 







संजीव दाजी (कीर्तने )
इंदौर 


Sunday, August 12, 2012

Recent LJA Activities

Friends,

It is again over two months since we wrote on this blog. No particular reason other than some travel and so being away from online activity. However, coming back, this is just to tell that LJA activities in Madhya Pradesh are on a steady rise. During the last two months there have been meetings, travel and dialogues reaching out to villages and forest areas, mainly in the districts of Indore, Dhar, Alirajpur and Jhabua in western Madhya Pradesh, Anooppur and Singrauli in the eastern parts and also into Balrampur, a district of Chhattisgarh, adjacent to Singrauli.
In Bihar, following the March end convention, the LJA team got involved in a resistance against damming Baghmati, Kamla and related rivers. The team is preparing a booklet from the lokavidya point of view to dialogue with the participants of this resistance movement.
In Uttar Pradesh, a further dialogue has been initiated with Bharatiya Kisan Union (BKU) to call a Unity Conference of the Lokavidyadhar Samaj. The BKU leadership was at Vidya Ashram on 8th August for a Varanasi division meeting with active workers of the union.

We expect to bring to you some concise reporting of these exercises on this blog in the next few days.


Vidya Ashram