Sunday, March 15, 2015

लोकविद्या समाज की ज्ञान पंचायत : इंदौर समागम 21 - 22 फरवरी 2015

लोकविद्या जन आंदोलन का राष्ट्रीय समागम इंदौर में 21 - 22 फरवरी को सम्पन्न हुआ।  इंदौर शहर के कपडा मिल क्षेत्र के सामुदायिक भवन में हुए दो दिन के इस समागम में लोकविद्या - समाज के ज्ञान के दावे को एक राजनैतिक दर्शन की बुनियाद के रूप में खड़ा होता  देखा गया।  
लोकविद्या- समाज के प्रमुख घटकों में किसान समाज, कारीगर समाज, आदिवासी समाज और विभिन्न सेवा कार्यों से जुड़े समाजों के प्रतिनिधि शामिल हुए।  समागम के महत्वपूर्ण कार्यक्रम 'स्त्री का  ज्ञान अमर है भाई ' के मार्फ़त  बड़ी संख्या में स्त्रियों की भागीदारी ने लोकविद्या - समाज की एकता का सक्रिय तत्व उजागर किया। लगभग  300  स्त्रियों व पुरुषों की भागीदारी रही।  वाराणसी, दिल्ली, नागपुर, पुणे, हैदराबाद और बंगलुरु से भागीदारी रही।  वाराणसी से किसान यूनियन के एक बड़े जत्थे ने  भाग लिया।  खाने - पीने का सारा इंतज़ाम मोहल्ले की महिलाओं ने किया। हॉल में महिलाओं द्वारा बनायीं वस्तुओं की एक छोटी सी प्रदर्शनी लगाई गयी थी। लोकविद्या  जन  आंदोलन  के कार्य के दो गाँवों में जाकर ज्ञान पंचायत को लेकर युवाओं के एक कला समूह ने एक लघु फिल्म बनाई थी जिसे समागम में दिखाया गया।  

निष्कर्ष के रूप में निम्नलिखित उल्लेखनीय है।  
  1. लोकविद्या कार्य के लिए सरकारी कर्मचारी जैसी आय पक्की व नियमित हो यह इस आंदोलन का मुख्य मुद्दा है तथा विभिन्न स्थानों पर इसे अपने - अपने ढंग से संगठित किया  जाय इस पर सभी सहमत थे। 
  2. भूमि अधिग्रहण अध्यादेश का एक स्वर में विरोध किया गया और इस विरोध को ज़मीन पर संगठित कर रहे  सभी प्रयासों का साथ देने का तय किया गया।  
  3. लघु फिल्मों, लोकविद्या वीडियो , सोशल मीडिया व अन्य कला अभिक्रमों  के मार्फ़त लोकविद्या जन आंदोलन को विस्तार देना तय किया गया। 
  4. लोकविद्या जन आंदोलन का प्रमुख कार्यालय अब से हैदराबाद में होगा। कृष्णराजुलु, ललित कौल और नारायण राव व अन्य ने इसकी ज़िम्मेदारी ली है।  फ़िलहाल संपर्क है  - लोकविद्या प्रपंचम  D.No. 10-100, New Gaddiannaram, Behind Shivaganga Theaters, Saroornagar (M), R.R. Dist. Telangana- 500 060,   Ph : 040-24152155,   e-mail : tnrkoundinyasa@yahoo.com
समागम के कुछ फोटो दिए जा रहे हैं। 


ज्ञान पंचायत का एक दृश्य 

कृष्णराजुलु, संजीव दाजी, निशा बरुआ, संगीता, चित्रा, प्रेमलता और किसान यूनियन के भागीदार 

दूसरे दिन की गोष्ठी में युवा फिल्म कलाकार  

सबको  पक्की आय वाली बण्डियाँ पहने युवा 

बाएं से शेरसिंग, सुनील, दिलीप, नारायण राव, कौल, शिवरामकृष्णन, अविनाश, सुरेश, सुरेंद्रन

विद्या आश्रम 

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