'कारीगर नजरिया' के नाम से वाराणसी शहर में संपूर्णानंद विश्वविद्यालय के ठीक सामने जगतगंज मोहल्ले में 22 अगस्त 2013 को एक कार्यालय खोला गया जो हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार और मार्क्सवादी चिन्तक और आलोचक स्वर्गीय चन्द्रबली सिंह के मकान में है. इस कार्यालय से लोकविद्या दृष्टि से कारीगरों के बीच चल रहे कार्यों को आगे बढाया जायेगा और उनमें इजाफा किया जाएगा।
यहाँ का पहला काम रहा एक कारीगर नजरिया अंक का प्रकाशन. यह अंक छपने के लिए प्रेस गया है. विद्या आश्रम की वेब साईट के पब्लिकेशन पन्ने पर डाल दिया गया है. इस लिंक पर देख सकते हैं।
http://www.vidyaashram.org/papers/Karigar%20Nazariya-ank-3-Sep-2013.pdf
प्रस्ताव यह है कि कारीगर नजरिया के प्रकाशन के साथ साथ यहाँ से कारीगर समाज के बीच अध्ययन किया जाये और उनकी शक्तियों, समस्याओं व उनके समाधानों को बृहत् समाज, प्रशासन, सरकार, जन प्रतिनिधियों, उनके अपने संगठनों, सामाजिक पंचायतों व व्यापारिक संगठनों के सामने ज्ञापन, वार्ताओं, पंचायतों व मीडिया के मार्फ़त रखा जाए.
इसके लिए निम्नलिखित समूह बनाया गया है.
प्रेमलता सिंह, एहसान अली, दिलीप कुमार 'दिली ', मो. अलीम, आरती और नन्दलाल।
विद्या आश्रम
यहाँ का पहला काम रहा एक कारीगर नजरिया अंक का प्रकाशन. यह अंक छपने के लिए प्रेस गया है. विद्या आश्रम की वेब साईट के पब्लिकेशन पन्ने पर डाल दिया गया है. इस लिंक पर देख सकते हैं।
http://www.vidyaashram.org/papers/Karigar%20Nazariya-ank-3-Sep-2013.pdf
प्रस्ताव यह है कि कारीगर नजरिया के प्रकाशन के साथ साथ यहाँ से कारीगर समाज के बीच अध्ययन किया जाये और उनकी शक्तियों, समस्याओं व उनके समाधानों को बृहत् समाज, प्रशासन, सरकार, जन प्रतिनिधियों, उनके अपने संगठनों, सामाजिक पंचायतों व व्यापारिक संगठनों के सामने ज्ञापन, वार्ताओं, पंचायतों व मीडिया के मार्फ़त रखा जाए.
इसके लिए निम्नलिखित समूह बनाया गया है.
प्रेमलता सिंह, एहसान अली, दिलीप कुमार 'दिली ', मो. अलीम, आरती और नन्दलाल।
विद्या आश्रम