Thursday, January 29, 2015

लोकविद्या जन आंदोलन के इंदौर समागम की तैयारियां

लोकविद्या जन आंदोलन के इंदौर समागम की तैयारियां तेज़ हो गयी हैं।  अब  तक इंदौर के आस-पास के ग्रामीण इलाकों में लोकविद्या यात्राएं कर लोकविद्या नज़रिया पत्रिका  के वितरण के साथ समागम के विचार और कार्यक्रम पर वार्ताएं और बैठकें हुई हैं ।  इंदौर शहर में 8 नवम्बर 2014 को तथा 7 दिसंबर 2014 को प्रीतमलाल दुआ सभागृह में दो बड़े आयोजन कर के इस समागम की तैयारियां शुरू हो चुकी थी।  ये दोनों आयोजन स्त्रियों के ज्ञान की प्रतिष्ठा के साथ हुए।  सुबह से शाम तक चले इन कार्यक्रमों में स्त्रियों के अलावा कारीगर, आदिवासी, युवा और कलाकार  भी शामिल हुए। कई सत्रों में चली इन वार्ताओं में लोकविद्या विचार और कार्यक्रमों पर विचार हुआ और कलाकारों ने इन विचारों को अपनी  कलाओं के मार्फ़त पेश किया। इसी सिलसिले ने इंदौर के कुछ युवा कलाकारों को उत्साहित  किया और उन्होंने लोकविद्या विचार पर एक लघु फिल्म बनाने का प्रस्ताव रखा। जनवरी में एक  गॉँव  में इस फिल्म की शूटिंग हुई। समागम में यह फिल्म हम देख सकेंगे।
इंदौर शहर के मज़दूर संगठनों, महिलाओं और कलाकारों के बीच लोकविद्या विचार को प्रस्तुत किया गया है।  13 जनवरी को  इंदौर के मज़दूर संगठनों ने मिलकर केंद्र सरकार के मज़दूर विरोधी कानून बनाये जाने के विरोध में कमिश्नर को एक ज्ञापन दिया।  शहर के श्रम शिविर में आयोजित सभा को लगभग सभी मज़दूर संगठनों के नेतृत्व ने सम्बोधित किया।  लोकविद्या जन आंदोलन की संयोजक चित्रा सहस्रबुद्धे ने भी इस सभा में मज़दूर विरोधी नीतियों के खिलाफ एकजुट होने और  मज़दूर संगठनों को मज़दूरों के श्रम के साथ उनके ज्ञान का दावा खड़ा करने का आवाहन किया।
समागम में होने जा रहे 'स्त्री का ज्ञान अमर है भाई' सत्र के लिए महिलाओं की आयोजन समिति और कलाकारों से वार्ता के लिए स्थानीय कलाकारों ने एक आयोजन समिति  गठित की है।
इस समागम में वाराणसी से भारतीय किसान यूनियन की ओर से किसानों ने अपनी भागीदारी की खबर दी है। हैदराबाद, बंगलुरु,  पुणे, दिल्ली, वाराणसी,  दरभंगा, से कार्यकर्ताओं के भागीदार होने की खबरें आ चुकी हैं।

संजीव दाजी
लोकविद्या समन्वय समूह
9926426858

No comments:

Post a Comment