Tuesday, October 31, 2017

किसान कारीगर पंचायत से उठी आवाज़

वाराणसी में 29 अक्तूबर 2017 को हुई किसान कारीगर पंचायत में जुटे किसान, कारीगर और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस आवाज़ को बुलंद किया कि हर किसान और कारीगर के घर में जब तक सरकारी कर्मचारी के बराबर आय नहीं पहुंचेगी तब तक इस देश में न खुशहाली आ पायेगी और न गैर बराबरी दूर हो पायेगी. 

पंचायत के बाद सारनाथ में किसान और कारीगरों ने जुलूस निकल कर 
अपनी बात को सामने लाया . 

दीनापुर के किसान महेंद्र प्रसाद मौर्य पंचायत को संबोधित करते हुए 

लोकविद्या जन आन्दोलन से प्रेमलता सिंह पंचायत में अपनी बात रखते हुए  

वाराणसी के बुनकर फ़ज़लुर्रहमान अंसारी (आलम भाई) ने मुद्दे को विस्तार से पंचायत में रखा 
और इस एक मुद्दे पर एकजुट होने की अपील की . 


अंत में सुनील सहस्रबुद्धे ने कहा कि इस पंचायत में तरह तरह की क्षमताओं और दृष्टियों के 
संगठनकर्ता उपस्थित हैं . वे सबको पक्की व सरकारी कर्मचारी जैसी आय के मुद्दे पर  
अपने-अपने यहाँ पंचायतें बुलाएं और एक ऐसी प्रक्रिया को जन्म दें जो ऐसे समूहों 
को इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए आगे बढ़ने के रास्ते बनाने का काम करेगी . 

इस पंचायत का आयोजन विद्या आश्रम के सारनाथ परिसर में हुआ . पंचायत की अध्यक्षता किसान समाज की ओर से शुन्गुलपुर के वीरेन्द्रसिंह चौहान और कारीगर समाज की ओर से वाराणसी के बशीर भाई ने संयुक्त रूप से की तथा सञ्चालन भारतीय किसान यूनियन के वाराणसी जिला अध्यक्ष तथा विद्या आश्रम के सदस्य लक्ष्मण प्रसाद ने किया . पंचायत में बुनकर बिरादरी के एहसान अली और गुलज़ार भाई, भारतीय किसान यूनियन चंदौली के जिला अध्यक्ष जीतेन्द्र कुमार, भारतीय किसान यूनियन के वाराणसी के पूर्व जिला अध्यक्ष विनाद कुमार, गिरसंत, रामखिलावन, रामजनम, शिवमूरत ने पंचायत में मुद्दे को समर्थन देते हुए इस पर  कार्य को तेज़ करने की आवश्यकता को जताया .

विद्या आश्रम 

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