किसान ज्ञान पंचायत और स्वराज ज्ञान पंचायत
तैयारी बैठक
विद्या आश्रम, सारनाथ में सुबह 11 बजे से किसान
ज्ञान पंचायत हुई जिसमें वाराणसी और वाराणसी के आस-पास से आये किसान संगठनों और
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने ‘गाँव के हर परिवार को सरकारी कर्मचारी के बराबर,
पक्की व नियमित आय हो’ इस मुद्दे का समर्थन करते हुए अपने विचार रखे l सभी ने
इस बात पर जोर दिया कि एक ऐसे कानून की ज़रूरत है जो ऐसी नीति पर अमल करने के लिए
सरकारों को बाध्य करे l इसके बाद विभिन्न संगठनों के ज़िम्मेदार लोगों ने बैठकर यह तय
किया कि 24 अक्तूबर 2018 को देश
की आय नीति पर विद्या आश्रम में एक सम्मलेन किया जाये l तय हुआ कि इस सम्मलेन को स्वराज ज्ञान पंचायत का नाम दिया जाये
और देश के हर परिवार में सरकारी कर्मचारी के बराबर, पक्की और नियमित आय हो इस विषय के विभिन्न पक्षों पर इस पंचायत
में बात हो. चार प्रमुख पक्ष तय किये गए --- दर्शन,
नीति, व्यवस्था और कानून l प्रस्ताव यह रहा कि हर विषय पर एक या दो प्रमुख वक्तव्य हों
और उन पर बातचीत के लिए समय रखा जाये l इस सम्मलेन की बात
पहले से कई संगठनों के साथ चल रही थी l स्वराज विद्यापीठ इलाहाबाद से बातें हुई थीं , उनके लोग आज के समागम में शिरकत करने आने वाले थे लेकिन किन्हीं
अपरिहार्य कारणों से नहीं आ सके l आयोजन समिति में शामिल
होने की उनकी सहमति प्राप्त है l
पंचायत में बोलते हुए इंकलाबी कामगार यूनियन के अरविन्द मूर्ती
स्वराज ज्ञान पंचायत के
लिए एक आयोजन समिति बनाई गई,
जिसके सदस्य हैं--- लक्ष्मण प्रसाद, लोकविद्या जन आन्दोलन वाराणसी, अरविन्द मूर्ति, इन्कलाबी कामगार यूनियन मऊ, राघवेन्द्र कुमार, कृषि भूमि बचाओ अभियान, बलिया, जितेन्द्र तिवारी, भारतीय किसान यूनियन चंदौली, ऊषा शरण (सासाराम), शोषित समाज दल बिहार, योगिराज पटेल ,
पूर्वांचल किसान यूनियन वाराणसी , स्वप्निल श्रीवास्तव या मनोज त्यागी स्वराज विद्यापीठ,
इलाहाबाद l यह आयोजन समिति सदस्यों के स्थानों पर तैयारी बैठकें करेंगी
और जल्दी ही स्वराज ज्ञान पंचायत की रूपरेखा बनाएगी l
पूर्वांचल किसान किसान यूनियन के योगिराज पटेल अपनी बात रखते हुए
सुबह के सत्र में हुई किसान ज्ञान पंचायत का विषय था --' गाँव के हर घर में सरकारी कर्मचारी के बराबर,
पक्की और नियमित आय होनी चाहिए' l लोकविद्या आन्दोलन इस विषय पर लम्बे समय से वार्ताएं आयोजित कर रहा है l इस विचार से कमोबेश सहमत अलग-अलग संगठनों के लोगों
को अपने विचार पंचायत में रखने के लिए बुलाया गया था l जिन्हें प्रमुख वक्ताओं
के रूप में बुलाया गया वे हैं -- इंकलाबी कामगार यूनियन मऊ से अरविन्द मूर्ती व ब्रिकेश
यादव, भारतीय किसान यूनियन
वाराणसी मण्डल के अध्यक्ष , चंदौली से जितेन्द्र
तिवारी, कारीगर नज़रिया, वाराणसी की ओर से फज़लुर्रहमान अंसारी (आलम भाई),
कृषि भूमि बचाओ अभियान, बलिया से राघवेन्द्र कुमार, पूर्वांचल किसान यूनियन के वाराणसी से योगिराज पटेल,
शोषित समाज दल की बिहार प्रमुख, सासाराम से श्रीमती ऊषा शरण और लोकविद्या जन आन्दोलन
विद्या आश्रम वाराणसी से श्रीमती प्रेमलता सिंह , जन आन्दोलनों के राष्ट्रीय समन्वय, वाराणसी से सतीश सिंह l
कृषि भूमि बचाओ अभियान के राघवेन्द्र कुमार
पंचायत के अधिकांश वक्ताओं ने आज की परिस्थितियों की सामाजिक राजनीतिक व्याख्याएं
की और इस बात पर बल दिया कि आय का सवाल इस तरह सीधे सीधे उठाना ज़रूरी है l अभी चाहे यह दूर की बात लगती हो लेकिन बहुत संभव
है कि जल्दी ही सार्वजनिक राजनैतिक बहस का एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन जाये l इस बात पर भी जोर आया कि किसान को एक ज्ञान समुदाय
के रूप में देखा जाना चाहिए और उस ज्ञान को विश्वविद्यालय के ज्ञान के बराबर दर्जा
मिलना चाहिए l सभी किस्म के ज्ञान
की बराबरी में सामाजिक असमानता, जातिवाद, आर्थिक असमानता, गैर-बराबरी और गरीबी दोनों पर ही बड़ा प्रहार करने की क्षमता
है l ज्ञान की बराबरी का दावा और
हर घर के लिए सरकारी कर्मचारी जैसी आय की व्यवस्था की मांग एक ऐसी ज्ञान की राजनीति
को जन्म दे सकती हैं जिसमें परिवर्तन के कार्यकर्ताओं के सपनों को साकार करने की क्षमता
हो l यह बात प्रमुखरूप से उभर कर
आई कि आय के सवाल पर बराबरी के दृष्टिकोण को समाहित करते हुए एक ऐसा कानून बनना चाहिए
जो सभी को देश के वेतन आयोग द्वारा समय-समय पर निर्धारित आय का अधिकार दे और इसे सुनिश्चित
करने की ज़िम्मेदारी सरकार पर रहे l पंचायत का समापन विद्या
आश्रम के सुनील सहस्रबुद्धे ने किया और सञ्चालन भारतीय किसान यूनियन के वाराणसी जिला
अध्यक्ष तथा विद्या आश्रम के लक्ष्मण प्रसाद ने l
भारतीय किसान यूनियन वाराणसी मण्डल अध्यक्ष जितेन्द्र तिवारी बोलते हुए
इस किसान ज्ञान पंचायत में वनवासी समाज के वाराणसी के सुरेश फिर से अपनी बस्ती
के उजाड़े जाने के बारे में बताने आये थे l कई जगह से उजाड़े जाने के बाद करीब 25 परिवार सारनाथ स्टेशन जाने वाले रास्ते के दोनों तरफ टूटी-फूटी झोपड़ियों में रहते
हैं l दो दिन पहले ए.डी.एम. उनकी
बस्ती पर आये और धमकी दिए कि तुरंत यहाँ से भाग लें नहीं तो जेसीबी से उखाडकर फेंकवा
देंगे l स्थानीय समाज के कार्यकर्त्ता इस प्रयास में लगे हैं कि प्रशासन
उन्हें बसने के लिए किसी और जगह की अनुमति दे दें l
शोषित समाज दल प्रांतीय अध्यक्ष, बिहार ऊषा शरण बोलते हुए
कारीगर नजरिया वाराणसी के फ़ज़लुर्रहमान अंसारी पंचायत को संबोधित करते हुए
विद्या आश्रम
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