ग्राम सलारपुर, वाराणसी में 18 सितंबर 2016 को एक वाराणसी ज्ञान-पंचायत हुई। 'हर किसान और कारीगर के परिवार में सरकारी कर्मचारी जैसी आय होनी चाहिये' इस विषय को केंद्र में रख कर हुई इस ज्ञान-पंचायत में लगभग 20 स्थानीय कार्यकर्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किये।
आलम अंसारी बोलते हुए
लोकविद्या जन आंदोलन के राष्ट्रीय प्रवक्ता दिलीप कुमार 'दिली' , भारतीय किसान यूनियन की ओर से वाराणसी जिलाध्यक्ष लक्ष्मण प्रसाद , शहर के कारीगरों की ओर से आलम अंसारी, पटरी के दुकानदारों की ओर से चिंतामणि सेठ ने अपने विचार रखे और इस ज्ञान-आंदोलन में अपनी-अपनी भागीदारी को सबके बीच रखा। विद्या आश्रम की ओर से सुनील सहस्रबुद्धे ने जोर देकर कहा कि किसानों और कारीगरों को सार्वजनिक स्थलों पर , पंचायतों और बैठकों में , चाय की दुकानों और चौराहों पर, सभी जगह यह दावा पेश करना चाहिये कि उनका ज्ञान किसी और के ज्ञान से कम नहीं है।
ग्राम प्रधान श्री बच्चेलाल बोलते हुए
सलारपुर के ग्रामप्रधान श्री बच्चेलाल राजभर, प्रेमलता सिंह, चित्रा सहस्रबुद्धे , शिवमूरत ,
पंचम आदि ने अपने विचार रखे।
शोषित समाज दल के वरिष्ठ विचारक, नेता और संरक्षक श्री जयराम प्रसाद ने जनता के इस ज्ञान आंदोलन में अपने पूरे सहयोग की घोषणा की।
प्रेमलता सिंह और दिलीप कुमार
अंत में 16 अक्टूबर 2016 को वाराणसी में प्रस्तावित किसान कारीगर महापंचायत के लिए देश भर में घूम कर की जा रही तैयारी को ज्ञान-पंचायत में रखा गया और देश भर के कार्यकर्ताओं की एक 60 सदस्यीय आयोजन समिति की घोषणा की गई।
विद्या आश्रम
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