22 नवम्बर 2016 को उत्तर प्रदेश के चंदौली ज़िले के ग्राम मनहारी में किसानों की ज्ञान-पंचायत लगी। नोटबंदी से परेशान किसान, कारीगर, छोटे दुकानदार, आदिवासी और महिलाओं की खुशहाली के लिए आयोजित इस ज्ञान-पंचायत की लोकविद्या के बोल गा कर शुरुआत हुई। भारतीय किसान यूनियन के चंदौली ज़िले के अध्यक्ष जीतेन्द्र प्रताप तिवारी ने विषय को पंचायत के सामने रखा और इस विषय पर राम अवतार सिंह, पारस तिवारी, जमुना चौबे , सुल्तान अहमद , शम्भू गुप्ता, त्रिभुवन , लक्ष्मण प्रसाद मौर्या दिलीप कुमार दिली ने अपने विचार रखे। अंत में सर्व सहमति से एक पत्र लिख कर इस ज्ञान पंचायत के विचार से प्रधान मंत्रीजी को अवगत कराने का फैसला हुआ। यह पत्र नीचे दिया जा रहा है। यही पत्र ज्ञापन के रूप में स्थानीय प्रेस को दिया गया।
नोटबंदी पर पंचायत से निकलकर आया दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है।
माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदीजी 22 नवम्बर 2016
भारत सरकार , नई दिल्ली
द्वारा, जिला अधिकारी, चंदौली (उ. प्र.)
विषय : नोटबंदी से परेशान किसान, कारीगर छोटे दुकानदार, आदिवासी, एवं महिलाओं की खुशहाली के सम्बन्ध में।
महोदय,
भारतीय किसान यूनियन आपको लिखित अवगत कराती है कि 8 नवम्बर 2016 से आपने जो नोटबंदी की है उससे किसान, कारीगर, छोटे दुकानदार, आदिवासी, एवं महिलायें बेहद परेशान हैं। फिर भी आपको धन्यवाद् देते हुए अपेक्षा करते हैं कि अब तक इन समाजों के ज्ञान व काम का लूटा हुआ धन सरकारी खजाने में आ रहा है। आज़ादी के 70 सालों तक यही लोकविद्या समाज के लोग इस धन से वंचित रहे हैं। इनके खुशहाली का रास्ता हर ग्रामीण परिवार में एक पक्की व नियमित आमदनी सरकारी कर्मचारी की तरह होने से खुलता है।
भारतीय किसान यूनियन (अराजनीतिक) ज़िला चंदौली की मासिक पंचायत 21 नवम्बर 2016 दिन सोमवार को मनिहारा सरोवर अवधूत भगवान राम के स्थान पर हुई। जिसमें सर्व सहमति से निर्णय लिया गया कि नोटबंदी से आया धन सरकारी है। आज़ादी के बाद आज किसान, कारीगर, छोटे दुकानदार, आदिवासी, एवं महिलायें इस धन के अधिकारी हैं। इसलिए लोकविद्या समाज के घर में पक्की व नियमित आमदनी सरकारी कर्मचारी की तरह होनी होगी। काला धन को सब में बराबर बराबर बाँटने पर ही सफ़ेद धन का मतलब निकालता है।
अतः माननीय प्रधान मंत्री जी से निवेदन है कि उपरोक्त बातों को ध्यान में रखते हुए सबकी खुशहाली के लिए सबकी नियमित आय करके किसान, कारीगर, छोटे दुकानदार, आदिवासी, एवं महिलाओं के मन की बात को लागू करें और भारतीय किसान यूनियन (अराजनीतिक) को लिखित अवगत करायें ।
निवेदक
जीतेन्द्र तिवारी ज़िला अध्यक्ष चंदौली,
सुल्तान अहमद , ज़िला मंत्री ,
दिलीप कुमार दिली वाराणसी मंडल अध्यक्ष
नोटबंदी पर पंचायत से निकलकर आया दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है।
ज्ञान पंचायत, चंदौली द्वारा जारी ज्ञापन
माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदीजी 22 नवम्बर 2016
भारत सरकार , नई दिल्ली
द्वारा, जिला अधिकारी, चंदौली (उ. प्र.)
विषय : नोटबंदी से परेशान किसान, कारीगर छोटे दुकानदार, आदिवासी, एवं महिलाओं की खुशहाली के सम्बन्ध में।
महोदय,
भारतीय किसान यूनियन आपको लिखित अवगत कराती है कि 8 नवम्बर 2016 से आपने जो नोटबंदी की है उससे किसान, कारीगर, छोटे दुकानदार, आदिवासी, एवं महिलायें बेहद परेशान हैं। फिर भी आपको धन्यवाद् देते हुए अपेक्षा करते हैं कि अब तक इन समाजों के ज्ञान व काम का लूटा हुआ धन सरकारी खजाने में आ रहा है। आज़ादी के 70 सालों तक यही लोकविद्या समाज के लोग इस धन से वंचित रहे हैं। इनके खुशहाली का रास्ता हर ग्रामीण परिवार में एक पक्की व नियमित आमदनी सरकारी कर्मचारी की तरह होने से खुलता है।
भारतीय किसान यूनियन (अराजनीतिक) ज़िला चंदौली की मासिक पंचायत 21 नवम्बर 2016 दिन सोमवार को मनिहारा सरोवर अवधूत भगवान राम के स्थान पर हुई। जिसमें सर्व सहमति से निर्णय लिया गया कि नोटबंदी से आया धन सरकारी है। आज़ादी के बाद आज किसान, कारीगर, छोटे दुकानदार, आदिवासी, एवं महिलायें इस धन के अधिकारी हैं। इसलिए लोकविद्या समाज के घर में पक्की व नियमित आमदनी सरकारी कर्मचारी की तरह होनी होगी। काला धन को सब में बराबर बराबर बाँटने पर ही सफ़ेद धन का मतलब निकालता है।
अतः माननीय प्रधान मंत्री जी से निवेदन है कि उपरोक्त बातों को ध्यान में रखते हुए सबकी खुशहाली के लिए सबकी नियमित आय करके किसान, कारीगर, छोटे दुकानदार, आदिवासी, एवं महिलाओं के मन की बात को लागू करें और भारतीय किसान यूनियन (अराजनीतिक) को लिखित अवगत करायें ।
निवेदक
जीतेन्द्र तिवारी ज़िला अध्यक्ष चंदौली,
सुल्तान अहमद , ज़िला मंत्री ,
दिलीप कुमार दिली वाराणसी मंडल अध्यक्ष
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