आमंत्रण
कलाकारों की ज्ञान पंचायत
8 - 9 - 10 फरवरी 2017
वैजापुर और औरंगाबाद, महाराष्ट्र
सभी लोक-कलाकारों को सरकारी कर्मचारी के
बराबर और उसके जैसी पक्की व नियमित आय हो।
यह लोक-कलाकारों के लिये समाज के उच्च-शिक्षित लोगों के बराबर
सम्मान और मूल्य हासिल करने का ज्ञान आंदोलन है।
समाज में लोकविद्या पर आधारित कलाकारों की बहुत बड़ी संख्या है। इनमें अनेक उच्च स्तर के कलाकार, गायक, वादक, कथाकार, गीतकार, नर्तक, अभिनेता, चित्रकार, सिनेमा कलाकार हैं जिन्होंने औपचारिक शिक्षा अथवा संस्थागत शिक्षा प्राप्त नहीं की है। इनका ज्ञान लोकविद्या है। अपनी-अपनी कलाओं में माहिर ये लोग समाज की संस्कृति और सभ्यता के निर्माण में लगे महत्वपूर्ण घटक हैं। लेकिन आज सूचना-मीडिया-प्रौद्योगिकी-पूँजी से बने बाजार में इन कलाकारों को खूब ठगा और लूटा जा रहा है। लोककला को खूब पसंद किया जा रहा है लेकिन लोक-कलाकारों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति से आँखे मूँद ली गई हैं, सरकारें अपनी कोई ज़िम्मेदारी नहीं निभा रही हैं।
इस अर्थ में लोक-कलाकारों की हालत लोकविद्या-समाज के अन्य घटकों - किसान, कारीगर , ठेला-पटरी दुकानदारों और आदिवासी समाजों से अलग नहीं है। उत्तर प्रदेश में हाल ही में हुई किसान कारीगर पंचायतों में किसान, कारीगर और आदिवासी समाजों ने अपने लिए सरकारी कर्मचारी के बराबर, पक्की और नियमित आय की आवाज़ उठाई है। इन ज्ञान-पंचायतों ने यह दावा भी पेश किया है कि इन समाजों के ज्ञान को यानि लोकविद्या को विश्वविद्यालय के बराबर का दर्जा मिलना चाहिये।
इस अर्थ में लोक-कलाकारों की हालत लोकविद्या-समाज के अन्य घटकों - किसान, कारीगर , ठेला-पटरी दुकानदारों और आदिवासी समाजों से अलग नहीं है। उत्तर प्रदेश में हाल ही में हुई किसान कारीगर पंचायतों में किसान, कारीगर और आदिवासी समाजों ने अपने लिए सरकारी कर्मचारी के बराबर, पक्की और नियमित आय की आवाज़ उठाई है। इन ज्ञान-पंचायतों ने यह दावा भी पेश किया है कि इन समाजों के ज्ञान को यानि लोकविद्या को विश्वविद्यालय के बराबर का दर्जा मिलना चाहिये।
इसी कड़ी में नवम्बर 2016 में महाराष्ट्र के औरंगाबाद में कई स्थानों पर ज्ञान पंचायतें हुईं (देखें इसी ब्लॉग पर 24 नवम्बर का पोस्ट ) जिनमें इस बात को केंद्र में लाया गया कि किसान-कारीगर समाजों की इस मांग के साथ कलाकारों को अपने ज्ञान का दावा पेश करना चाहिए और एक पक्की, नियमित और सरकारी कर्मचारी के बराबर आय की मांग करनी चाहिये। इन ज्ञान-पंचायतों में लिए गए फैसले के अनुसार महाराष्ट्र में 8 , 9, 10 फरवरी 2017 को वैजापुर तथा औरंगाबाद में कलाकारों की एक बड़ी ज्ञान-पंचायत का आयोजन होगा।
वैजापुर तथा औरंगाबाद की ज्ञान-पंचायतें कलाकारों के ज्ञान-आंदोलन का आगाज़ करती हैं ।
इनका ज्ञान-आंदोलन यह मनाता है कि -
- कलाकार-समाज के लोग बेहद संवेदनशील और सक्रिय व्यक्ति होते हैं।
- लोक-कलाकार अपनी कला के ज्ञान को कई वर्षों में और अनेक संघर्षों से गुजर कर प्राप्त करते हैं और इसे सतत निखारते हैं । ज्ञान प्राप्ति में इनकी तपस्या उच्च-शिक्षित लोगों से कम नहीं है।
- इस ज्ञान के बल पर वे अपनी जीविका चलाते हैं और उनका महत्वपूर्ण योगदान यह है कि वे समाज को सतत दार्शनिक और आध्यात्मिक ऊँचाइयों की ओर ले जाने का कार्य करते हैं।
- ये समाज में फैले पाखंड को उजागर करते हैं और समाज की मानवीय चेतना को ज़िंदा रखते हैं।
- उन्हें कलाकार्य की अनुभूति, प्रेरणा, सम्प्रेषण और निखार के लिए स्कूल-कालेज की शिक्षा की दरकार नहीं होती।
- समाज में तरह-तरह की कलाओं में माहिर ये समुदाय छोटे-छोटे समूहों में लोगों के बीच जा कर विभिन्न उत्सवों और अवसरों पर अपनी कला के मार्फ़त जीवन के दर्शन और मूल्यों के नवीनीकरण का कार्य करते रहते हैं।
- इन सबके चलते इन समाजों के ज्ञान (लोकविद्या) को विश्वविद्यालय के ज्ञान के बराबर की प्रतिष्ठा मिलनी चाहिए और इनकी आय भी उतनी ही होनी चाहिए जितनी विश्वविद्यालय से पढ़े-लिखे लोगों को सरकारी सेवाओं से होती है।
वैजापुर तथा औरंगाबाद में होने जा रही कलाकारों की ज्ञान-पंचायतों में यही दावा पेश करना है। हम हर विधा के कलाकारों और कला प्रेमियों से आवाहन करते हैं कि वे इस ज्ञान-पंचायत में आयें और इस आवाज़ को बुलंद करने में सहभागी हों।
वैजापुर तथा औरंगाबाद की इस ज्ञान-पंचायत में किसान, कारीगर और आदिवासी समाज भी शामिल होकर कलाकारों की आवाज़ को बुलंद करेंगे। महाराष्ट्र के अलावा उत्तर प्रदेश, बंगाल, मध्यप्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्णाटक के लोकविद्या-समाज के लोग भी इस ज्ञान-पंचायत में शामिल होंगे।
इस ज्ञान-पंचायत की एक तैयारी बैठक 7 जनवरी 2017 को वैजापुर में और 8 जनवरी 2017 को औरंगाबाद में होगी। इन्हीं बैठकों में 8 -10 फरवरी 2017 की तीन दिवसीय ज्ञान-पंचायत के कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जायेगा। इन तैयारी बैठकों में आप आमंत्रित हैं। अधिक जानकारी के लिए आप निम्नलिखित व्यक्तियों से संपर्क कर सकते हैं।
संजीव दाजी, औरंगाबाद (9926426858), गिरीश सहस्रबुद्धे, नागपुर (9422559348)
एकनाथ राव त्रिभुवन, वैजापुर (9422209475), आबा साहेब जेजुरकर, वैजापुर (9420813211)
प्रकाश वाघमारे, औरंगाबाद (7588349313)
निर्मला देवरे, इंदौर (9926606673) , घनश्याम भाबर, इंदौर (8120500530 )
दिलीप कुमार 'दिली', वाराणसी (9452824380 ), जितेन नंदी, कोलकाता (8420134201 ) टी.नारायण राव, हैदराबाद (9849389550 )
एकनाथ राव त्रिभुवन, वैजापुर (9422209475), आबा साहेब जेजुरकर, वैजापुर (9420813211)
प्रकाश वाघमारे, औरंगाबाद (7588349313)
निर्मला देवरे, इंदौर (9926606673) , घनश्याम भाबर, इंदौर (8120500530 )
दिलीप कुमार 'दिली', वाराणसी (9452824380 ), जितेन नंदी, कोलकाता (8420134201 ) टी.नारायण राव, हैदराबाद (9849389550 )
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